वंदे मातरम को लेकर जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी की प्रतिक्रिया आ गई है...मदनी के मुताबिक Gfx In "वंदे मातरम पढ़ने या गाने पर आपत्ति नहीं है, लेकिन मुसलमान सिर्फ एक अल्लाह की इबादत करता है और मुसलमान अपनी इबादत में अल्लाह के सिवा किसी दूसरे को शामिल नहीं कर सकता। वंदे मातरम का अनुवाद शिर्क से संबंधित मान्यताओं पर आधारित है, इसके चार श्लोकों में देश को देवता मानकर दुर्गा माता से तुलना की गई है और पूजा के शब्दों का प्रयोग हुआ है। साथ ही वंदे मातरम का अर्थ मां मैं तेरी पूजा करता हूं, यही है"। इसलिए वो वंदे मातरम को नहीं गा सकते...मदनी के इस बयान के बाद बीजेपी हमलावर हो गई है और मदनी की इस भाषा को मुस्लिम लीग की भाषा बता रहे हैं।<br /><br />#ArshadMadani, #AsaduddinOwaisi, #vandematram, #ArshadMadani, #JamiatUlema-E-Hind, #VandeMatram, #VandeMatram Debate, #ArshadMadanionVande Matram
